या ज़हरा
फ़ातेमा ज़हरा (x2)
या ज़हरा (x4)
अये मेरी बीबी (x2)
तेरे दर पे इस्तिग़ासा है
तेरा मम्नून मेरी शहज़ादी ये जहाँ सारा है
या ज़हरा (x4)
तू हमें हिफ़्ज़ और अमाँ दे दे
अपनी चादर का साएबाँ दे दे
तेरी क़ुदरत में क्या नहीं बीबी
तू जिसे चाहे दो जहाँ दे दे
या ज़हरा (x4)
अये मेरी बीबी (x2)
आँसुओं में दुआ माँगी है
तेरी तसबीह ही पढ़ के दिल ने तुझे पुकारा है
या ज़हरा (x4)
तेरा दरबार वो सख़ी दर है
हर फ़रिश्ता जहाँ गदागर है
तेरे मक़रूज़ आसमाँ वाले
तेरा मक़रूज़ हर सिकंदर है
या ज़हरा (x4)
अये मेरी बीबी (x2)
तू सख़ी है तेरे बच्चे भी
एक राही नहीं गवाही में जग ये सारा है
या ज़हरा (x4)
फ़र्श-ए-मजलिस पे और मुसल्ले पर
हर जवाँ कह रहा है रो रो कर
हम रहे ना रहे मगर बीबी
ता क़यामत रहे ग़म-ए-सरवर
या ज़हरा (x4)
अये मेरी बीबी (x2)
तेरे बच्चों का ग़म मनाते हैं
अपनी औलाद से कहीं बढ़ के ग़म ये प्यारा है
या ज़हरा (x4)
क़र्ज़ मक़रूज़ का अदा कर दे
मुफ़लिसों का नसीब-वर कर दे
जिनकी गोदी भरी नहीं बीबी
उन्हें औलाद तू अता कर दे
या ज़हरा (x4)
अये मेरी बीबी (x2)
बस तूही मुराद देती है
तेरी चौख़ट दर-ए-इलाही का इस्तिआरा है
या ज़हरा (x4)
क़ल्ब-ए-मोमिन से ग़म जुदा कर दे
बस ग़म-ए-क़र्बला अता कर दे
बेख़ता क़ैद में हैं जो मोमिन
मौजज़े से उन्हें रिहा कर दे
या ज़हरा (x4)
अये मेरी बीबी (x2)
ग़म कोई हुसैनियों को न दे
जो हुसैनी है तेरे बाबा को जाँ से प्यारा है
या ज़हरा (x4)
उन शहीदों का ये मुक़द्दर है
साएबाँ इनका तेरी चादर है
उनके सीनों पे अये मेरी बीबी
दाग़-ए-मातम निशान-ए-हैदर है
या ज़हरा (x4)
अये मेरी बीबी (x2)
खुल्द में शहीद जब जाए
तेरी आवाज़ आए आने दो ये हमारा है
या ज़हरा (x4)
मजलिस-ए-ग़म में अश्क बरसाने
आ सके या नहीं ख़ुदा जाने
क्या भरोसा हमारी साँसों का
अब कहाँ हम कहाँ अज़ाख़ाने
या ज़हरा (x4)
अये मेरी बीबी (x2)
अश्क-ए-ग़म तेरी अमानत है
तेरी औलाद के ही ग़म ने हमें संवारा है
या ज़हरा (x4)
तुझको उम्मत ने यूँ सताया है
मर्ग-ए-मोहसिन पे भी रुलाया है
तुझको बाबा के बाद उम्मत ने
हाय दरबार में बुलाया है
या ज़हरा (x4)
अये मेरी बीबी (x2)
कितने सदमे उठाए हैं तूने
जीते जी तुझको मेरी शहज़ादी ग़म ने मारा है
या ज़हरा (x4)
अये मेरी बीबी (x2)
तेरे दर पे सर झुकाते हैं
हर हुसैनी का तेरे टुकड़ों पे ही गुज़ारा है
या ज़हरा (x4)
-------------------------------------------------------------
Ya Zehra
Fatema Zehra (x2)
Ya Zehra (x4)
Aye meri Bibi (x2)
Tere dar pe istigaasa hai
Tera mamnuun meri Shehzadi ye jahan saara hai
Ya Zehra (x4)
Tu hame hifz aur amaan de de
Apni chadar ka saaebaan de de
Teri qudrat me kya nahi Bibi
Tu jise chahe do jahaan dede
Ya Zehra (x4)
Aye meri Bibi (x2)
Aansuo mein duwa mangi hai
Teri tasbeeh hi padhke dil ne tujhe pukaara hai
Ya Zehra (x4)
Tera darbaar wo sakhi dar hai
Har farishta jahaan gadaagar hai
Tere maqruuz asmaan waale
Tera maqruuz har sikandar hai
Ya Zehra (x4)
Aye meri Bibi (x2)
Tu sakhi hai tere bachche bhi
Ek raahi nahi gawaahi me jag ye saara hai
Ya Zehra (x4)
Farshe majlis pe aur musalle par
Har jawaan keh raha hai ro ro kar
Ham rahe na rahe magar Bibi
Ta qayamat rahe game sarwar
Ya Zehra (x4)
Aye meri Bibi (x2)
Tere bachcho ka gham manaate hai
Apni aulaad se kahi badhke gham ye pyara hai
Ya Zehra (x4)
Karz maqruuz ka adaa kar de
Mufliso ka naseeb wa kar de
Jinki godi bhari nahi Bibi
Unko aulaad tu ataa kar de
Ya Zehra (x4)
Aye meri Bibi (x2)
Bas toohi muraad deti hai
Teri chaukhat Dar-e-Ilahi ka istiaara hai
Ya Zehra (x4)
Qalb-e-momin se gham juda kar de
Bas Gham-e-Karbala ataa kar de
Bekhataa qaid me hai jo momin
Mojeze se unhe rihaa kar de
Ya Zehra (x4)
Aye meri Bibi (x2)
Gham koi Hussainiyo ko na de
Jo Hussaini hai tere Baba ko jaan se pyaara hai
Ya Zehra (x4)
Un shaheedo ka ye muqaddar hai
Saaebaan inka teri chadar hai
Unke seeno pe ay meri Bibi
Daagh-e-maatam Nishaan-e-Haider hai
Ya Zehra (x4)
Aye meri Bibi (x2)
Khuld me shaheed jab jaye
Teri aawaaz aaye aane do ye hamaara hai
Ya Zehra (x4)
Majlis-e-gham me ashk barsaane
Aa sake ya nahi Khuda jaane
Kya bharosa hamaari saanso ka
Ab kahaa ham kahaa azaakhaane
Ya Zehra (x4)
Aye meri Bibi (x2)
Ashke gham teri amaanat hai
Teri aulaad ke hi gham ne hame sawaara hai
Ya Zehra (x4)
Tujhko ummat ne yu sataaya hai
Marg-e-Mohsin pe bhi rulaaya hai
Tujhko Baba ke baad ummat ne
Haaye darbaar me bulaaya hai
Ya Zehra (x4)
Aye meri Bibi (x2)
Kitne sadme uthaye hai tune
Jeete ji tujhko meri Shehzadi gham ne maara hai
Ya Zehra (x4)
Aye meri Bibi (x2)
Tere dar pe sar jhukaate hain
Har Hussaini ka tere tukro pe hi guzaara hai
Ya Zehra (x4)
No comments:
Post a Comment
Comments are going to be moderated