Zainab aayi ye deti duhai


ज़ैनब आई ये देती दुहाई
उठो भय्या ये माँ-जाई आई
आई ज़िंदा से पाकर रिहाई
उठो भय्या ये माँ-जाई आई

ज़ैनब आई ये देती.....

टुकड़े टुकड़े अलम से है सीना
बिछड़ी ज़िंदां में बाली सकीना
उसको ज़ैनब वोहीं छोड़ आई
उठो भय्या ये माँ-जाई आई

ज़ैनब आई ये देती.....

सर पे मेरे ना थी कोई चादर
देती कैसे कफ़न मैं बिरादार
कितनी मजबूर थी ज़हरा जाई
उठो भय्या ये माँ-जाई आई

ज़ैनब आई ये देती.....

पहले दश्ते मुसीबत ने लूटा
जो बचा वो क़ैदखाने में छूटा
बानो की लुट गयी सब कमाई
उठो भय्या ये माँ-जाई आई

ज़ैनब आई ये देती.....

उठके मरक़द से परदा कराओ
मेरे अब्बास को भी बुलाओ
उतरे महमिल से ये ग़म उठाई
उठो भय्या ये माँ-जाई आई

ज़ैनब आई ये देती.....

कह दो अकबर से वो जल्द आए
मेरे नाक़े को आ के बिठाये
क्यों देर इतनी लगाई
उठो भय्या ये माँ-जाई आई

ज़ैनब आई ये देती.....

लेके क्या मुँह अपने वतन जाऊँ 
ज़ख़्म किस किसको अपने दिखाऊँ
तुम्ही फ़रमा दो अये प्यारे भाई
उठो भय्या ये माँ-जाई आई

ज़ैनब आई ये देती.....

किस तरहा से कहूँगी मैं दुखिया
कुछ नहीं लुट गया सारा कुनबा
खो के भाई को ज़ैनब है आई
उठो भय्या ये माँ-जाई आई

ज़ैनब आई ये देती.....

है अनीस-ए-हज़ी वक़्ते नौहा
आज चेहलुम है शाहे हुदा का
नैनवा में है नौहासराई
उठो भय्या ये माँ-जाई आई

ज़ैनब आई ये देती.....

आई ज़िंदा से पाकर रिहाई
उठो भय्या ये माँ-जाई आई

ज़ैनब आई ये देती.....

मरक़दआरामगाह
महमिल ऊंट पर कसी जाने वाली डोली 
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Zainab aayi ye deti duhai
Utho bhayya ye majai aayi
Aayi zinda se pakar rihai
Utho bhayya ye majaii aayi

Zainab aayi ye deti.....

Tukde tukde hai alam se hai seena
Bichdi zinda me bali Sakina
Usko Zainab wohi chorr aayi
Utho bhayya ye majaii aayi

Zainab aayi ye deti.....

Sar pe mere na thi koi chadar
Deti kaise kafan mai biradar
Kitni majboor thi Zehra jaii
Utho bhayya ye majaii aayi

Zainab aayi ye deti.....

Pahle dashte musibat ne loota
Jo bacha wo qaidkhane me choota
Bano ki sab lut gayi kamaii
Utho bhayya ye majaii aayi

Zainab aayi ye deti.....

Uthke markaz pe parda karaao
Mere Abbas ko bhi bulaao
Utre mahmil se ye gham uthaii
Utho bhayya ye majaii aayi

Zainab aayi ye deti.....

Kah do Akbar se wo jald aaye
Mere naaqe ko aa ke bithaye
Kyo der itni lagayii
Utho bhayya ye majaii aayi

Zainab aayi ye deti.....

Leke kya to apne watan jaaoo
Zakhm kis kisko apne dikhaoo
Tumhi farma do aye pyaare bhai
Utho bhayya ye majaii aayi

Zainab aayi ye deti.....

Kis tarha se kahungi mai dukhia
Kuch nahi lut gaya sara kunba
Kho ke bhai ko Zainab hai aayi
Utho bhayya ye majaii aayi

Zainab aayi ye deti.....

Hai Anees-e-hazii waqte nauha
Aaj chehlum hai Shahe Huda ka
Nainawa me hai nauha sarai
Utho bhayya ye majaii aayi

Zainab aayi ye deti.....

Aayi zinda se pakar rihai
Utho bhayya ye majaii aayi

Zainab aayi ye deti.....

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