अलविदा अये नासिरे दीने पयम्बर अलविदा
अलविदा अलविदा
अलविदा अये करबला के मीरे लश्कर अलविदा
अलविदा अलविदा
अये अज़ादारों के मेहमान अये अज़ाखानों की जान
हक़्क़े मातम हम अदा कर पाए अये मौला कहाँ
तुझसे शर्मिंदा हैं अये दिलबंदे ख़ातूने जिना
रूहे काबा वारिसे महराबो मिम्बर अलविदा
अलविदा अलविदा
अलविदा अये नासिरे दीने.....
है तुम्हारे ख़ूँ से रंगीं दास्ताने करबला
तुम निसारे दिलबरे ज़हरा हुए सद मरहबा
तुमको रुख़सत कर रहे है हम बसद आहो बुका
अलविदा अये क़ासिम-ओ-अब्बास-ओ-अकबर अलविदा
अलविदा अलविदा
अलविदा अये नासिरे दीने.....
तेरी क़ुर्बानी का हो क्या ज़िक्र अये ग़ुंचा-ए-नौरस
तेरे ख़ूँ ने रूहे दीने हक़ को बख़्शा है जलाल
कमसिनी में तीर खाया इसका सदमा है कमाल
अलविदा अये तशनालब मासूम असग़र अलविदा
अलविदा अलविदा
अलविदा अये नासिरे दीने.....
अये रफ़ीक़ाने शहे दीं आफ़रीं सद आफ़रीं
सर बलंदी का तुम्हारी कुछ तहय्युर ही नहीं
अलविदा अलविदा
अलविदा अये नासिरे दीने.....
बस तहे तौक़-ओ-सलासिल अये मेरे बीमार इमाम
तेरी हिम्मत तेरे इज़्ज़त मालिको सदहा सलाम
सब्र की तारीख़ में है मुनफ़रिद तेरा मक़ाम
अये हाफिज़े हुरमते दीने पयम्बर अलविदा
अलविदा अलविदा
अलविदा अये नासिरे दीने.....
अह्द है तुझसे हमारा बानी-ए-रस्मे अज़ा
हम तेरे भाई के ग़म को ताज़ा रखेंगे सदा
सिलसिला क़ायम रहेगा मातमे शब्बीर का
ज़ैनबे मज़लूम अये सरवर की ख़्वाहर अलविदा
अलविदा अलविदा
अलविदा अये नासिरे दीने.....
अये इमामे इनसो जाँ अये बादशाहे मशरिक़ैन
अये दिले ज़हरा की ठंडक अये नबी के नूरेऐन
मुज़्तरिब है क़ल्बे आबिद तेरी फ़ुरक़त में हुसैन
ग़मज़दों के मूनिस-ओ ग़मख़ार-ओ-यावर अलविदा
अलविदा अलविदा
अलविदा अये नासिरे दीने.....
नासिर - मदद करने वाला, मददगार
ग़ुंचा-ए-नौरस - नया फूल
तहय्युर - हैरत, तअज्जुब
तौक़-ओ-सलासिल - बेड़ी और हथकड़ी
मुनफ़रिद - अद्वितीय, बेजोड़, बेमिसल
मशरिक़ैन - दोनों पूरब और पच्छिम
मुज़्तरिब - तितर-बितर, अस्त-व्यस्त
मूनिस - मित्र, दोस्त, साथी, रफ़ीक़
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Alwida aye nasire Deen-e-Payambar alwida
Alwida alwida
Alwida aye Karbala ke meer-e-lashkar alwida
Alwida alwida
Aye azadaron ke mehman aye azakhano ki jaan
Haqqe matam hum ada kar paye aye maula kahan
Tujhse sharminda hain aye dilbande Khatoon-e-Jina
Roohe Kaaba waarise mehrab-o-mimbar alwida
Alwida alwida
Alwida aye nasire deen....
Hai tumhare khoon se rangeen daastane karbala
Tum nisare dilbare Zehra hue sad marhaba
Tumko ruqsat kar rahe hai hum basad aaho buka
Alwida aye Qasim-o-Abbas-o-Akbar alwida
Alwida alwida
Alwida aye nasire deen....
Teri qurbani ka ho kya zikr aye Guncha-e-nauras
Tere khoon ne roohe Deen-e-Haq ko bakhsha hai jalaal
Kamsini me teer khaya iska sadma hai kamaal
Alwida aye tashnalab masoom Asghar alwida
Alwida alwida
Alwida aye nasire deen....
Aye rafeeqane Shahe Deen aafreen sad aafreen
Sar balandi ka tumhari kuch tahayyu hi nahi
Alwida alwida
Alwida aye nasire deen....
Bas tahe tauq o salasil aye mere beemaar Imam
Teri himmat tere izzat maaliko sadha salaam
Sabr ki tareekh me hai munfarid tera maqaam
Aye hafeeze hurmate Deen-e-Payambar alwida
Alwida alwida
Alwida aye nasire deen....
Ehd hai tujhse hamara baniye rasme azaa
Hum tere bhai ke gham ko taaza rakhenge sada
Silsila qayam rahega matame Shabbir ka
Zainab-e-mazloom aye Sarwar ki khwahar alwida
Alwida alwida
Alwida aye nasire deen....
Aye Imam-e-inso jaan aye Baadshahe Mashraqain
Aye dile Zehra ki thandak aye Nabi ke noore ain
Muztarib hai qalbe Abid teri furqat me Hussain
Ghamzadon ke Munis-o-ghamkhwar-o-yawar alwida
Alwida alwida
Alwida aye nasire deen....
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