Ameere Lashkare Hussain


हिज़ब्रे दश्ते नैनवा अमीरे लश्करे हुसैन
हिज़ब्रे दश्ते नैनवा अमीरे लश्करे हुसैन

निहंगे क़ुलज़ुमे वग़ा अमीरे लश्करे हुसैन
खदंगे तरकशे क़ज़ा अमीरे लश्करे हुसैन
बरंगे शाहे लाफ़तह अमीरे लश्करे हुसैन
जरी दिलेर बावफ़ा अमीरे लश्करे हुसैन
वफ़ा बाहद्दे मोजेज़ा अमीरे लश्करे हुसैन
हिज़ब्रे दश्ते नैनवा अमीरे लश्करे हुसैन

ये ज़ुल्फ़क़ारे हैदरी ये शेरे बेशए नजफ़
ये तेग़ तज़र हाशमी निशाने ज़ुर्रते सलफ़
हर एक का मरकज़े नज़र कफ़िले तश्नागाने तफ़
कनारे नहरे अलक़मा तमाम फौज का हदफ़
किसी से पर ना रुक सका अमीरे लश्करे हुसैन
हिज़ब्रे दश्ते नैनवा अमीरे लश्करे हुसैन

बहादुराने सफ़शिकन में इस जरी के तज़किरे
दिलावराने तेग़ ज़न में इस जरी के तज़किरे
हर एक वफ़ा के अंजुमन में इस जरी के तज़किरे
और रसूले पाक के चमन में इस जरी के तज़किरे
ग़ुरूरे आले मुस्तफ़ा अमीरे लश्करे हुसैन
हिज़ब्रे दश्ते नैनवा अमीरे लश्करे हुसैन

हुसैन का अख़ी भी है हुसैन का ग़ुलाम भी
हुसैन की सिपर भी है तबर भी है हुसाम भी
हुसैन की ज़िरह भी है कमाँ भी है सिहाम भी
हुसैन हुक्म दे अगर तो शिम्र से कलाम भी
वगरना वो कुजा कुजा अमीरे लश्करे हुसैन
हिज़ब्रे दश्ते नैनवा अमीरे लश्करे हुसैन

हुसैन हुक्म दे अगर अभी ये सब को देख ले
अभी इराक़-ओ-शाम को अभी हलब को देख ले
अभी अभी ये कूफ़ियाने बेअदब को देख ले
मुक़ाबला जो आ पड़े तो कुल अरब को देख ले
मिसाले शाहे लाफ़तह अमीरे लश्करे हुसैन
हिज़ब्रे दश्ते नैनवा अमीरे लश्करे हुसैन

इशारा-ए-इमाम हो तो फ़तह में धरा है क्या
शोयाय मेहर के लिए ये शाम की घटा है क्या
फ़ुरात तक ना जाने दे किसी में हौसला है क्या
अली के शेर के लिए ये जंगे करबला है क्या
उलट दे तख़्त शाम का अमीरे लश्करे हुसैन
हिज़ब्रे दश्ते नैनवा अमीरे लश्करे हुसैन

यज़ीदे बदनिहाद से सुकूने ज़ात छीन ले
मुहाफ़िज़ीने नहर से हक़े हयात छीन ले
जो मर्ज़ी-ए-हुसैन हो अभी फ़ुरात छीन ले
फ़ुरात क्या है ये वो है के कायनात छीन ले
बड़ा बलंद हौसला अमीरे लश्करे हुसैन
हिज़ब्रे दश्ते नैनवा अमीरे लश्करे हुसैन

मगर यहाँ तो हुक्म है के बस अली के शेर बस
हुसैन अपनी ज़िंदगी से हो चुका है सेर बस
क़रीब वक़्ते अस्र है बस अब मेरे दिलेर बस
हमारे कूच में कहीं मज़ीद हो ना देर बस
करेगा ताबा के वग़ा अमीरे लश्करे हुसैन
हिज़ब्रे दश्ते नैनवा अमीरे लश्करे हुसैन

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Hizabre dashte nainawa ameere lashkare Hussain
Hizabre dashte nainawa ameere lashkare Hussain

Nihange qulzume wagha ameere lashkare Hussain
Khadange tarkashe kaza ameere lashkare Hussain
Barange Shahe Lafateh ameere lashkare Hussain
Jari diler bawafa ameere lashkare Hussain
Wafa bahadde maujeza ameere lashkare Hussain
Hizabre dashte nainawa ameere lashkare Hussain

Ye Zulfaqare Haideri ye shere beshaye najaf
Ye taygh tazar Hashmi nishane jurrate salab
Har ek ka markaze nazar kafeele tashnagane taf
Kanare nahre alqama tamam fauj ka hadaf
Kisi se par na ruk saka ameere lashkare Hussain
Hizabre dashte nainawa ameere lashkare Hussain

Bahadurane safshikan may is jari ke tazkire
Dilwarane taygh zan may is jari ke tazkire
Har ek wafa ke anjuman may is jari ke tazkire
Rasoole paak ke chaman may is jari ke tazkire
Ghuroore aale mustafa ameere lashkare Hussain
Hizabre dashte nainawa ameere lashkare Hussain

Hussain ka aqhi bhi hai Hussain ka ghulam bhi
Hussain ki sipar bhi hai tabar bhi hai husaam bhi
Hussain ki zirah bhi hai kama bhi hai sihaam bhi
Hussain hukm de agar to shimr se kalaam bhi
Wagarna wo kuja kuja ameere lashkare Hussain
Hizabre dashte nainawa ameere lashkare Hussain

Hussain izn de agar abhi ye sab ko dekh le
Abhi iraq-o-sham ko abhi halab ko dekh le
Abhi abhi ye koofiyane be-adab ko dekh le
Muqabala jo aa pade to kul arab ko dekh le
Misaale Shahe Lafateh ameere lashkare Hussain
Hizabre dashte nainawa ameere lashkare Hussain

Isharaye Imam ho to fatha may dhara hai kya
Shoyaye mehr ke liye ye sham ki ghata hai kya
Furaat tak na jaane de kisi may hausla hai kya
Ali ke sher ke liye ye jange karbala hai kya
Ulat de takht shaam ka ameere lashkare Hussain
Hizabre dashte nainawa ameere lashkare Hussain

Yazeede badnihaad se sukoone zaat cheen le
Muhafizene nahr se haqe hayaat cheen le
Jo marziye Hussain ho abhi furaat cheen le
Furaat kya hai ye wo hai ke kaayenat cheen le
Bada baland hausla ameere lashkare Hussain
Hizabre dashte nainawa ameere lashkare Hussain

Magar yahan to hukm hai ke bas alli ke sher bas
Hussain apni zindagi se ho chuka hai sayr bas
Qareebe waqte asr hai bas ab mere dilayr bas
Hamare kooch may kahin mazeed ho na dayr bas
Karega taba ke waghan ameere lashkare Hussain
Hizabre dashte nainawa ameere lashkare Hussain

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