अकबर ने ख़ूने दिल की रवानी समेट के
भर दी दीन की रगों में जवानी समेट के
अकबर ने ख़ूने दिल की रवानी.....
क़ुदरत ने एक नुक़ता-ए-बा में सिमो दिए
क़ुरान के सब रुमूज़-ओ-मानी समेट के
अकबर ने ख़ूने दिल की रवानी.....
शोहरा अली की ज़र्ब का जा पहूँचा अर्श तक
जिबरील जो ले गये निशानी समेट के
अकबर ने ख़ूने दिल की रवानी.....
आया नहीं था आप अम्र इब्न अब्द अल-औद
लाया था ज़ुल्फ़िक़ार का पानी समेट के
अकबर ने ख़ूने दिल की रवानी.....
हमला अली के शेर का साहिल पे अल-अमां
पानी ठहर गया है रवानी समेट के
अकबर ने ख़ूने दिल की रवानी.....
आए थे करबला में मिटा देने हक़ का नाम
ताक़त तमाम ज़ुल्म के बानी समेट के
अकबर ने ख़ूने दिल की रवानी.....
असग़र ने फ़ौजे शाम की क़ूवत बिखेर दी
सूखे लबों पे तश्नादहानी समेट के
अकबर ने ख़ूने दिल की रवानी.....
खा के सितम का तीर इस अंदाज़ से हंसा
दिल ले गया हुसैन का जानी समेट के
अकबर ने ख़ूने दिल की रवानी.....
ले आए क़त्लगाह से ख़ैमें में शहे दीं
दामन में मुजतबा की निशानी समेट के
अकबर ने ख़ूने दिल की रवानी.....
दिल माँ का नूर बाप की आँखों का ले गयी
अकबर की नातमाम जवानी समेट के
अकबर ने ख़ूने दिल की रवानी.....
साथ अपने तख़्तो ताजे यज़ीदी भी ले गयी
अशक़े अज़ा-ए-शाह की रवानी समेट के
अकबर ने ख़ूने दिल की रवानी समेट के
भर दी दीन की रगों में जवानी समेट के
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Akbar ne khoone dil ki rawani samet ke
Bhar di deen ki ragon me jawani samet ke
Akbar ne khoone dil ki rawani.....
Qudrat ne ek nuqta-e-ba me simo diye
Quran ke sab rumuz-o-maani samet ke
Akbar ne khoone dil ki rawani.....
Shohra Ali ki zarb ka ja pahooncha arsh tak
Jibreel jo le gaye nishani samet ke
Akbar ne khoone dil ki rawani.....
Aaya nahi tha aap amr ibn abd al-wud
Laaya tha Zulfiqar ka pani samet ke
Akbar ne khoone dil ki rawani.....
Hamla Ali ke sher ka sahil pe al-amaa
Pani thahar gaya hai rawani samet ke
Akbar ne khoone dil ki rawani.....
Aaye the Karbala me mita dene haq ka naam
Taqat tamaam zulm ke bani samet ke
Asghar ne fauje shaam ki qoowat bikher di
Sukhe labon pe tashna dahani samet ke
Akbar ne khoone dil ki rawani.....
Khaa ke sitam ka teer is undaz se hansa
Dil le gaya Hussain ka jani samet ke
Akbar ne khoone dil ki rawani.....
Le aaye qatlgaah se khaime me Shahe Deen
Daman me Mujtaba ki nishani samet ke
Akbar ne khoone dil ki rawani.....
Dil ma ka, noor baap ki ankhon ka le gayi
Akbar ki natamam jawani samet ke
Akbar ne khoone dil ki rawani.....
Saath apne takhto taaje yazidi bhi le gayi
Ashqe Aza-e-Shah ki rawani samet ke
Akbar ne khoone dil ki rawani samet ke
Bhar di deen ki ragon me jawani samet ke
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