Wallah 'iin qataetum yamini


والله إن قطعتم يميني
वल्लाह इन क़ततुम येमेनी

जब दाहिना हाथ दिलबरे हैदर का कट गया
उस वक़्त फ़ौजे आदां से अब्बास ने कहा
वल्लाह इन क़ततुम येमेनी

बच्चे खड़ें है प्यासे मेरे इंतज़ार में 
पहुँचाऊँगा ख़य्याम में मशकीज़ा आब का
वल्लाह इन क़ततुम येमेनी

अल्लाह की क़सम जो मुझे होता इज़्ने जंग
कर देता एक हमले में लश्कर को मैं तबाह
वल्लाह इन क़ततुम येमेनी

पहुँचा दूँ प्यासे बच्चों को पानी किसी तरहा
टुकड़े बदन हो चाहे कटे सर ग़ुलाम का
वल्लाह इन क़ततुम येमेनी

अये ज़ालिमों  खुदा से डरो कुछ हया करो
प्यासी है तीन रोज़ से औलादे मुस्तुफ़ा
वल्लाह इन क़ततुम येमेनी

मश्क-ओ-अलम को दांतों से थामा दिलेर ने
जब बाँयां हाथ गाज़ी का तन से जुदा हुआ
वल्लाह इन क़ततुम येमेनी

लगते ही गुर्ज़ सर पे वो खामोश हो गये
लेकिन फ़िज़ा में गूँजती थी अब्बास की सदा
वल्लाह इन क़ततुम येमेनी

इब्सार अल-ऐन पढ़ के ये समझा "अनीस" ने
अब्बास के रजज़ में दिलेरी है और वफ़ा
वल्लाह इन क़ततुम येमेनी

-------------------------------------------------

والله إن قطعتم يميني
Wallah 'iin qataetum yamini

Jab dahina haath dilbare Haider ka kat gaya
Us waqt fauje aada se Abbas ne kaha
Wallah 'iin qataetum yamini

Bachche khade hai pyase mere intazaar me
pahunchaunga khayyam me mashkeeza aab ka
Wallah 'iin qataetum yamini

Allah ki qasam jo mujhe hota izn-e-jang
Kar deta ek hamle may lashkar ko mai tabah
Wallah 'iin qataetum yamini

Pahuncha du pyase bachon ko pani kisi tarha
Tukde badan ho chahe kate sar ghulam ka
Wallah 'iin qataetum yamini

Aye zaalimo Khuda se daro kuch haya karo
Pyasi hai teen roz se Aulaad-e-Mustufa
Wallah 'iin qataetum yamini

Mashk-o-alam ko daanto se thama diler ne
Jab baaya haath Ghazi ka tan se juda hua
Wallah 'iin qataetum yamini

Lagte hi gurz sar pe wo khamosh ho gaye
Lekin fiza may goonjti thi Abbas ki sada
Wallah 'iin qataetum yamini

Absaar al-ain padh ke ye samjha "Anees" ne
Abbas ke rajaz me dileri hai aur wafa
Wallah 'iin qataetum yamini

No comments:

Post a Comment

Comments are going to be moderated

Aseere fauj-e-sitam qaidi-e-mehan Zainab

असीरे फौज-ए-सितम क़ैदी-ए-मेहन ज़ैनब है जिसका आयत-ए-ततहीर पैरहन ज़ैनब इमामतों की मददगार ख़स्तातन ज़ैनब है शान-ए-दीने ख़ुदा जान-ए-पंजतन ज़ैनब ...