उठे कैसे उठे कैसे बाली सकीना का लाशा
परेशाँ हैं ज़िंदां में सानिए ज़हरा
उठे कैसे उठे कैसे बाली सकीना का लाशा
मुसीबत की मंज़िल यह कितनी कड़ी है
यतीमा की मय्यत ज़मीं पर पड़ी है
बने क़ब्र क्यूँ कर उठे कैसे लाशा
परेशाँ हैं ज़िंदां में सानिए ज़हरा
उठे कैसे उठे कैसे बाली सकीना का लाशा
यह ग़ुरबत यह तन्हाई यह क़ैदख़ाना
है ज़ंजीर में जकड़ा बीमार भय्या
उठाए बहन का वो कैसे जनाज़ा
परेशाँ हैं ज़िंदां में सानिए ज़हरा
उठे कैसे उठे कैसे बाली सकीना का लाशा
सकीना तुझे अब कहाँ पाऊँ बेटी
अकेली कहाँ छोड़ कर जाऊँ बेटी
बहोत तंगो तारीक है क़ैदख़ाना
परेशाँ हैं ज़िंदां में सानिए ज़हरा
उठे कैसे उठे कैसे बाली सकीना का लाशा
मदद करने आ जाओ मेरे बरादार
कहाँ सो गये मेरे अब्बास जा कर
ज़रा आके दे दो जनाज़े को कंधा
परेशाँ हैं ज़िंदां में सानिए ज़हरा
उठे कैसे उठे कैसे बाली सकीना का लाशा
है बीमार हाथों में हथकड़ियाँ पहने
गले में है तौक़े गिराँबार उसके
उतारे लहद में भला कौन लाशा
परेशाँ हैं ज़िंदां में सानिए ज़हरा
उठे कैसे उठे कैसे बाली सकीना का लाशा
कहाँ से कफ़न लाके पहनाए ज़ैनब
भतीजी को किस तरह दफ़नाए ज़ैनब
क़यामत है एक क़ैदख़ाने में बरपा
परेशाँ हैं ज़िंदां में सानिए ज़हरा
उठे कैसे उठे कैसे बाली सकीना का लाशा
लहद में अपनी बहन को सुलाकर
कहा आबिद ने शाना हिलाकर
ख़ुदा हाफ़िज़ अये शहज़ादी सकीना
परेशाँ हैं ज़िंदां में सानिए ज़हरा
उठे कैसे उठे कैसे बाली सकीना का लाशा
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Uthe kaise Uthe kaise baali Sakina ka laasha
Paresha hai zindan me Saniye Zehra
Uthe kaise Uthe kaise bali Sakina ka laasha
Museebat ki manzil yeh kitni kadi hai
Yateema ki mayyat zameen par padi hai
Bane qabr kyun kar uthe kaise laasha
Paresha hai zindan me Saniye Zehra
Uthe kaise Uthe kaise baali Sakina ka laasha
Yeh ghurbat yeh tanhayee yeh qaidkhana
Hai zanjeer me jakda beemar bhayya
Uthaye bahan ka wo kaise janazaa
Paresha hai zindan me Saniye Zehra
Uthe kaise Uthe kaise baali Sakina ka laasha
Sakina tujhe ab kaha paaoon beti
Akeli kaha chor kar jaaoon beti
Bahut tang-o-tareek hai qaidkhana
Paresha hai zindan me Saniye Zehra
Uthe kaise Uthe kaise baali Sakina ka laasha
Madad karne aa jaao mere baradar
Kahaan so gaye mere Abbas jaa ker
Zara aake de do janaze ko kandha
Paresha hai zindan me Saniye Zehra
Uthe kaise Uthe kaise baali Sakina ka laasha
Hai beemar haathon me hatkadiya pehne
Gale me hai tauqe girebar uske
Utaare lahed me bhala kauan laasha
Paresha hai zindan me Saniye Zehra
Uthe kaise Uthe kaise baali Sakina ka laasha
Kahan se kafan laake pehnae Zainab
Bhatiji ko kis tarah dafnaaey Zainab
Qayamat hai ek qaid khane mein barpa
Paresha hai zindan me Saniye Zehra
Uthe kaise Uthe kaise baali Sakina ka laasha
Lahed me apni bahen ko sulakar
Kaha Abid ne shaana hilakar
Khuda Hafiz aye Shahzaadi Sakina
Paresha hai zindan me Saniye Zehra
Uthe kaise Uthe kaise baali Sakina ka laasha
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