Kya janiye kya dard tha Zainab ki fugha me


क्या जानिए क्या दर्द था ज़ैनब की फ़ुग़ाँ में

जब नहर पे जुम्बिश हुई लश्कर के निशाँ में 
अल्लाह निगहबान खुदा हाफ़िज़ो नासिर
जब नहर में जुम्बिश हुई लश्कर के निशाँ में
ज़ैनब से कहा शह ने कुछ अश्क़ों की ज़ुबाँ में

क्या जानिए क्या दर्द था ज़ैनब की फ़ुग़ाँ में

आशूर को थर्रा गये बय्यत के सवाली
अल्लाह निगहबान खुदा हाफ़िज़ो नासिर
आशूर को थर्रा गये बय्यत के सवाली
था जंग का एलान अली अकबर की अज़ाँ में 

क्या जानिए क्या दर्द था ज़ैनब की फ़ुग़ाँ में

दरिया की तरफ देख के रोतीं हैं सकीना
हाय हुसैना हाय हुसैना 
दरिया की तरफ देख के रोतीं हैं सकीना
अब्बास का चेहरा है हर एक मौजे रवाँ में 

क्या जानिए क्या दर्द था ज़ैनब की फ़ुग़ाँ में

वीरान है घाट अहले-हरम तशना हैं अब भी
अल्लाह निगहबान खुदा हाफ़िज़ो नासिर
वीरान है घाट अहले-हराम तशना है अब भी
अब्बास की है ख़ूँ की महक आबे रवाँ में

क्या जानिए क्या दर्द था ज़ैनब की फ़ुग़ाँ में

किस तरहा उठा सकती नबुवत को इमामत
हाय हुसैना हाय हुसैना
किस तरहा उठा सकती नबुवत को इममत
थी बू अहमदे मुख़्तार की थी लाशे जवाँ में

क्या जानिए क्या दर्द था ज़ैनब की फ़ुग़ाँ में

अये हुरमुला क़ुराँ पे पड़ेगा ना कोई तीर
अल्लाह निगहबान खुदा हाफ़िज़ो नासिर
अये हुरमुला क़ुराँ पे पड़ेगा ना कोई तीर
हायल है मेरा हल्क़ तेरे तीरो कमाँ में 

क्या जानिए क्या दर्द था ज़ैनब की फ़ुग़ाँ में

घर आते ही याद आएँगे जब औन-ओ-मुहम्मद
अल्लाह निगहबान खुदा हाफ़िज़ो नासिर
घर आते ही याद आएँगे जब औन-ओ-मुहम्मद
एक दर्द की टीस उठ्ठेगी माँ के दिलो जाँ से

क्या जानिए क्या दर्द था ज़ैनब की फ़ुग़ाँ में

जब लाये लहू पेशे ख़ुदा तश्त में जिबरील
हाय हुसैना हाय हुसैना
जब लाये लहू पेशे ख़ुदा तश्त में जिबरील
ग़ुल हाय हुसैना का उठा कौनों मकाँ में

क्या जानिए क्या दर्द था ज़ैनब की फ़ुग़ाँ में

एक छोटी सी तुरबत पे कहा शाह ने रोकर
अल्लाह निगहबान खुदा हाफ़िज़ो नासिर
एक छोटी सी तुरबत पे कहा शाह ने रोकर
असग़र तुम्हें देता हूँ मैं खालिक़ की अमाँ में

क्या जानिए क्या दर्द था ज़ैनब की फ़ुग़ाँ में

ये रात ये ज़ंजीर ये ज़िंदां की अज़ीयत
अल्लाह निगहबान खुदा हाफ़िज़ो नासिर
ये रात ये ज़ंजीर ये ज़िंदां की अज़ीयत
बेचैन है सज्जादे हज़ीं तौक़-ओ-गिराँ में

क्या जानिए क्या दर्द था ज़ैनब की फ़ुग़ाँ में

है "शौकत-ओ-ज़मीर" की ज़ैनब से इलतेजा
हाय हुसैना हाय हुसैना
है "शौकत-ओ-ज़मीर" की ज़ैनब से इलतेजा
दिखला दे मौजेज़ा मेरे नौहों में बयाँ में

क्या जानिए क्या दर्द था ज़ैनब की फ़ुग़ाँ में

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Kya jaaniye kya dard tha Zainab ki fugha me

Jab nahr pe jumbish hui lashkar ke nisha' me
Allah nigehbaan Khuda Hafiz-o-Nasir
Jab nahr pe jumbish hui lashkar ke nisha' me
Zainab se kha Shah ne kuch ashqo ki zuba' me

Kya jaaniye kya dard tha Zainab ki fugha me

Aashoor ko tharra gaye bayyat ke sawaali
Allah nigehbaan Khuda Hafiz-o-Nasir
Aashoor ko tharra gaye bayet ke sawali
Tha jung ka elaan Ali Akbar ki azaan me

Kya jaaniye kya dard tha Zainab ki fugha me

Dariya ki taraf dekh ke roti hai Sakina
Haye Hussaina Haye Hussaina
Dariya ki taraf dekh ke roti hai Sakina
Abbas ka chehra hai har ek mauje rawa me

Kya jaaniye kya dard tha Zainab ki fugha me

Veeran hai ghaat ahle-haram tashna hai ab bhi
Allah nigehbaan Khuda Hafiz-o-Nasir
Veeran hai ghaat AhleHaram tashna hai ab bhi
Abbas ki hai khushboo aab-e-rawan me

Kya jaaniye kya dard tha Zainab ki fugha me

Kis tarha utha sakti Nabuwat ko Imamat
Haye Hussaina Haye Hussaina
Kis tarha utha sakti Nabuwat ko Imamat
Thi boo Ahmade Mukhtar ki laashe jawan me

Kya jaaniye kya dard tha Zainab ki fugha me

Aye hurmula Quran pe padega na koi teer
Allah nigehbaan Khuda Hafiz-o-Nasir
Aye hurmula Quran pe padega na koi teer
Hayel hai mera halq tere teero kaman me

Kya jaaniye kya dard tha Zainab ki fugha me

Ghar aate hi yad ayenge jab Aun-o-Muhammad
Allah nigehbaan Khuda Hafiz-o-Nasir
Ghar aate hi yad ayenge jab Aun-o-Muhammad
Ek dard ki tees uththegi maa ke dil-o-jaan se

Kya jaaniye kya dard tha Zainab ki fugha me

Jab laye lahoo peshe khuda tasht me Jibreel
Haye Hussaina Haye Hussaina
Jab laye lahoo peshe khuda tasht me Jibreel
Ghul Haye Hussaina ka utha kauno Makan me

Kya jaaniye kya dard tha Zainab ki fugha me

Ek choti si turbat pe kaha Shaah ne roker
Allah nigehbaan Khuda Hafiz-o-Nasir
Ek choti si turbat pe kaha Shaah ne roker
Asghar tumhe deta hu main Khaliq ki amaa' me

Kya jaaniye kya dard tha Zainab ki fugha me

Ye raat ye zanjeer ye zindan ki aziyat
Allah nigehbaan Khuda Hafiz-o-Nasir
Ye raat ye zanjeer ye zindan ki aziyat
Bechain hai Sajjad-e-hazeen tauq-o-giran me

Kya jaaniye kya dard tha Zainab ki fugha me

Hai "Shaukat-o-Zameer" ki Zainab se ilteja
Haye Hussaina Haye Hussaina
Hai "Shaukat-o-Zameer" ki Zainab se ilteja
Dikhla de mojeza mere nauho me bayaa' me

Kya jaaniye kya dard tha Zainab ki fugha me

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Aseere fauj-e-sitam qaidi-e-mehan Zainab

असीरे फौज-ए-सितम क़ैदी-ए-मेहन ज़ैनब है जिसका आयत-ए-ततहीर पैरहन ज़ैनब इमामतों की मददगार ख़स्तातन ज़ैनब है शान-ए-दीने ख़ुदा जान-ए-पंजतन ज़ैनब ...