Kisko bedeeno ne maara aye zameene Karbala

किसको बेदीनो ने मारा अये ज़मीने करबला
है पयम्बर का दुलारा अये ज़मीने करबला
किसको बेदीनो ने मारा अये ज़मीने करबला

पानी पानी जब के हो जाएगी ये खेती तमाम
एक तुम हो ही कनारा अये ज़मीने करबला
किसको बेदीनो ने मारा अये ज़मीने करबला

किस तरहा खोदी लहद क्या गुज़री दिल पर शाह के
जबके असग़र को उतारा अये ज़मीने करबला
किसको बेदीनो ने मारा अये ज़मीने करबला

ला रहे हैँ शाहेवाला असग़र-ए-बेशीर को
यां कोई क़ुरान का पारा अये ज़मीने करबला
किसको बेदीनो ने मारा अये ज़मीने करबला

लो चली मक़तल को ये कहती हुई उम्मे रबाब
मुजको असग़र ने पुकारा अये ज़मीने करबला
किसको बेदीनो ने मारा अये ज़मीने करबला

बाप पीरी में उठाता है जवान बेटे की लाश
दे ज़रा बढ़कर सहारा अये ज़मीने करबला
किसको बेदीनो ने मारा अये ज़मीने करबला

देखना तुरबत में असग़र का ज़रा रखना ख़्याल
सारे घर का है दुलारा अये ज़मीने करबला
किसको बेदीनो ने मारा अये ज़मीने करबला

ये बता दे किस तरहा मय्यत पे पहुँचे थे हुसैन
जब के अकबर ने पुकारा अये ज़मीने करबला
किसको बेदीनो ने मारा अये ज़मीने करबला

ले लिए तूने मेरी गोदी के पाले बोली माँ
अब करूँ क्यूंकर गुज़ारा अये ज़मीने करबला
किसको बेदीनो ने मारा अये ज़मीने करबला

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Kisko bedeeno ne maara aye zameene Karbala
Hai Payeambar ka dulaara aye zameene Karbala
Kisko bedeeno ne maara aye zameene Karbala

Pani pani jab ke ho jayeegi ye kheti tamam
Ek tum ho hi kanara aye zameene Karbala
Kisko bedeeno ne maara aye zameene Karbala

Kis tarha khodi lehad kya guzri dil par Shah ke
Jab ke Asghar ko utaara aye zameene Karbala
Kisko bedeeno ne maara aye zameene Karbala

Laa rahe hai Shaahewala Asghar-e-bayesheer ko
Ya koi Quran ka paara aye zameene Karbala
Kisko bedeeno ne maara aye zameene Karbala

Lo chali maqtal ko ye kehti hui Umme Rabab
Mujko Asghar ne pukara aye zameene Karbala
Kisko bedeeno ne maara aye zameene Karbala

Baap peeri maye uthata hai jawan bete ki laash
De zara badhkar sahara aye zameene Karbala
Kisko bedeeno ne maara aye zameene Karbala

Dekhna turbat maye Asghar ka zara rakhna khayeal
Saare ghar ka hai dulaara aye zameene Karbala
Kisko bedeeno ne maara aye zameene Karbala

Ye batade kis tarha mayyat pe pahunche they Hussain
Jab ke Akbar ne pukara aye zameene Karbala
Kisko bedeeno ne maara aye zameene Karbala

Le liye tune meri godi ke paale boli maa
Ab karoon kyunkar guzaara aye zameene Karbala
Kisko bedeeno ne maara aye zameene Karbala

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