ये सोचता हूँ के आबिद का हाल क्या होगा
असीर होके वो जब शाम मेंं गया होगा
ये सोचता हूँ के आबिद का हाल क्या होगा
असीर होके वो जब शाम मेंं गया होगा
ये सोचता हूँ..
सुना है शाम में जाते ही ख़ून रोने लगा ( x2 )
न जाने शिम्र ने उस वक़्त क्या कहा होगा ( x2 )
ये सोचता हूँ..
गले के तौक़ ने आबिद को क्या झुकाना था ( x2 )
वो अपने खोये हुए लाल ढूंढता होगा ( x2 )
ये सोचता हूँ..
वो ज़ुल्म देखेंं हैं सज्जाद ने हुसैन के बाद ( x2 )
मुझे यकीं है के अब तक ख़ूँ रो रहा होगा ( x2 )
ये सोचता हूँ..
वो याद करता तो होगा वतन की शाही को ( x2 )
बहन को दफ़न जो परदेस में किया होगा ( x2 )
ये सोचता हूँ..
जो ग़ौर कीजे तो आबिद बशर नहीं लगता ( x2 )
मेरे ख़्याल में दुख दर्द का ख़ुदा होगा ( x2 )
ये सोचता हूँ के आबिद का हाल क्या होगा
असीर होके वो जब शाम मेंं गया होगा
ये सोचता हूँ..
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Ye sochta hu ke Aabid ka haal kya hoga
Yeh sochta hu ke Aabid ka haal kya hoga X(2)
Aseer ho ke woh jab shaam me gaya hoga X(2)
Suna hai shaam me jate hi khoon rone laga X(2)
Na jane shimr(la) ne us waqt kya kaha hoga X(2)
Gale ke tauq ne Aabid ko kya jhukana tha X(2)
Woh apne khoye hue laal dhoondtha hoga X(2)
Wo zulm dekhe hai Sajjad ne husain ke baad X(2)
Mujhe yaqeen hai ke ab tak bhi ro raha hoga X(2)
Wo yaad karta to hoga watan ki shaahi ko X(2)
Bahan ko dafan jo pardes me kiya hoga X(2)
Jo ghaur kijiye to Aabid bashar nahi lagta X(2)
Mere khayal me dukh dard ka khuda hoga X(2)
Yeh sochta hu ke Aabid ka haal kya hoga
Aseer ho ke woh jab shaam me gaya hoga
Yeh sochta hu ke Aabid ka haal kya hoga
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