अज़ान अकबर ने जैसे दी होगी
होंगे मातम हुसैनो ज़ैनब के
अज़ादारी गली गली होगी
अज़ान अकबर ने जैसे दी होगी
शह से उठता नहीं जवाँ लाशा
ग़ाज़ी अब्बास की कमी होगी
अज़ान अकबर ने जैसे दी होगी
दरे कूफ़ा पे सर था बाबा का
बेटी मुस्लिम की देखती होगी
अज़ान अकबर ने जैसे दी होगी
फ़िक्र ज़ैनब को होगी आबिद की
आग ख़ैमों मेंं जब लगी होगी
टीस माँ के दिल मेंं उठी होगी
अज़ान अकबर ने जैसे दी होगी
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Azan Akbar ne jaise di hogi
Honge matam Hussain-o-Zainab ke
Azadari gali gali hogi
Azan Akbar ne jaise di hogi
Shah se uththta nahi jawa laasha
Ghazi Abbas ki kami hogi
Azan Akbar ne jaise di hogi
Darre koofa pe sar tha baba ka
Beti Muslim ki dekhti hogi
Azan Akbar ne jaise di hogi
Fikr Zainab ko hogi Abid ki
Aag khaimo me jab lagi hogi
Azan Akbar ne jaise di hogi
Tees madar ke dil me uthi hogi
Azan Akbar ne jaise di hogi
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