या अल्लाह बा हक़्क़े ज़हरा,
हम पर करम सदा तू फ़रमा
हम हैं तेरे हक़ीर बन्दे,
सुनता है तू हमारी दुआ
या अल्लाह बा हक़्क़े ज़हरा
हम पर करम सदा तू फ़रमा
तेरे हुज़ूर ये माँगें दुआ,
ऐ रब बा हक़्क़े ज़ैनुल एबा
बीमार को तूही दे शिफ़ा,
सुनता है तू हमारी दुआ
या अल्लाह बा हक़्क़े ज़हरा
हम पर करम सदा तू फ़रमा
ग़ुरबत से जो भी लाचार हैं ,
मख़रूज़ और जो नादार हैं
दौलत उन्हें भी कर दे अता,
सुनता है तू हमारी दुआ
या अल्लाह बा हक़्क़े ज़हरा ,
हम पर करम सदा तू फ़रमा
अपने घरों से जो दूर हैं,
परदेस में वो रंजूर हैं
मंज़िल उन्हें तू कर दे अता,
सुनता है तू हमारी दुआ
या अल्लाह बा हक़्क़े ज़हरा,
हम पर करम सदा तू फ़रमा
बेजुर्म जो बाज़िन्दान हैं ,
और ग़म से जो परेशान हैं
कर दे इलाही उनको रिहा ,
सुनता है तू हमारी दुआ
या अल्लाह बा हक़्क़े ज़हरा,
हम पर करम सदा तू फ़रमा
हाजत रवा तू है किरदिगार,
मोमिन रहे न बेरोज़गार
मोहताज न हो कोई ख़ुदा,
सुनता है तू हमारी दुआ
या अल्लाह बा हक़्क़े ज़हरा
हम पर करम सदा तू फ़रमा
कुछ मोमिनीन बेऔलाद हैं ,
यूँ रोज़ो शब् बाफ़रियाद हैं
औलाद कर दे उनको अता,
सुनता है तू हमारी दुआ
या अल्लाह बा हक़्क़े ज़हरा
हम पर करम सदा तू फ़रमा
नज़रे करम हक़्क़े पंजतन,
मुश्किल में है हमारा वतन
मिल्लत रहे सलामत सदा ,
सुनता है तू हमारी दुआ
या अल्लाह बा हक़्क़े ज़हरा,
हम पर करम सदा तू फ़रमा
हर एक जवाँ यहाँ शाद हो ,
बेकस का घर भी आबाद हो
देखें सभी ख़ुशी का समाँ ,
सुनता है तू हमारी दुआ
या अल्लाह बा हक़्क़े ज़हरा
हम पर करम सदा तू फ़रमा
अहले अज़ा को है इंतज़ार ,
रोते हुए करे दिन शुमार
कर दे ज़हूरे नूरे ख़ुदा,
सुनता है तू हमारी दुआ
या अल्लाह बा हक़्क़े ज़हरा
हम पर करम सदा तू फ़रमा
माना की हम गुनहगार हैं
पर शाह के अज़ादार हैं
नाउम्मीद हम नहीं हैं "रज़ा"
सुनता है तू हमारी दुआ
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