Mara gaya hai Sipt-e-Payamber watan se door

मारा गया है सिप्ते पयम्बर वतन से दूर
उजड़ा है फ़ातमा का भरा घर वतन से दूर

मारा गया है सिप्ते पयम्बर वतन से दूर

ऐ मौत एक बहन से ना छीन उसके भाई को
सुग़रा वतन में क़ैदी अकबर वतन से दूर

मारा गया है सिप्ते पयम्बर वतन से दूर

मरने चले हुसैन तो ज़ैनब ने ये कहा
छोड़ा है किस बला के बिरादार वतन से दूर

मारा गया है सिप्ते पयम्बर वतन से दूर

मक़तल से गाम गाम पर बेटी के साथ साथ
रोती गयीं हैं बिन्ते पयम्बर वतन से दूर

मारा गया है सिप्ते पयम्बर वतन से दूर

बादे हुसैन बाँध के ज़ंजीर-ओ-ज़ौक़ में
खैंचे गए हैं आबिदे मुज़तर वतन से दूर

मारा गया है सिप्ते पयम्बर वतन से दूर

करबोबला से राह में ज़िंदाने शाम तक
बच्चे मरे हैं गिर कर ऊँटों से वतन से दूर

मारा गया है सिप्ते पयम्बर वतन से दूर
उजड़ा है फ़ातमा का भरा घर वतन से दूर

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Mara gaya hai Sipt-e-Payamber watan se door
Ujda hai Fatma ka bhara ghar watan se door

Mara gaya hai Sipt-e-Payamber watan se door

Aye maut ek bahen se na cheen uske bhai ko
Sughra watan me qaidi Akber watan se door

Mara gaya hai Sipt-e-Payamber watan se door

Marne chale Hussain to Zainab ne ye kaha
Chorha hai kis bala ke biradar watan se door

Mara gaya hai Sipt-e-Payamber watan se door

Maqtal se gaam gaam per beti ke saath saath
Roti gayi hai Bint-e-Payamber watan se door

Mara gaya hai Sipt-e-Payamber watan se door

Baad-e-Hussain baandh ke zanjeer-o-zauq me
Khincha gaya hai Abid-e-Muztar watan se door

Mara gaya hai Sipt-e-Payamber watan se door

Karbobala se raah me zindaan-e-shaam tak
Bachche mare hai gir kar oonto se watan se door

Mara gaya hai Sipt-e-Payamber watan se door
Ujda hai Fatma ka bhara ghar watan se door

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