Zarrey ko Shah ne Mahre Darkshan Bana Diya


ज़र्रे को शह ने महरे दरख़्शाँ बना दिया
हुर की ख़ताए बख़्श के सलमाँँ बना दिया

ज़र्रे को शह ने महरे दरख़्शाँ बना दिया

क़ुरान को समेट के नुक़्ते की शक्ल मेंं
हक़ ने अली को मरकज़े ईमाँ बना दिया

ज़र्रे को शह ने महरे दरख़्शाँ बना दिया

हम तो अली को ऐने ख़ुदा कहके रह गए
तौबा नुसैरियों ने तो यज़दाँँ बना दिया

ज़र्रे को शह ने महरे दरख़्शाँ बना दिया

कम है ये कारनामाए दौरे अमीरे शाम
ईमाँ को कुफ़्र, कुफ़्र को ईमाँ बना दिया

ज़र्रे को शह ने महरे दरख़्शाँ बना दिया

काफ़िर बना दिया अबू तालिब से शख़्स को
सुफ़ियान से लईंं को मुसलमाँँ बना दिया

ज़र्रे को शह ने महरे दरख़्शाँ बना दिया

घर को लुटा के मानिये ज़िब्हे अज़ीम ने
सुफ़ियानियत को बेसरो सामाँ बना दिया

ज़र्रे को शह ने महरे दरख़्शाँ बना दिया

पहचान हर ज़माने में शिमरो यज़ीद की
कितना हुसैनियत ने है आसाँ बना दिया

ज़र्रे को शह ने महरे दरख़्शाँ बना दिया

शह ने लहू से सींच कर इसलाम का शजर
उजड़े हुए चमन को गुलिस्ताँ बना दिया

ज़र्रे को शह ने महरे दरख़्शाँ बना दिया

असग़र की मौत ने अली अकबर की मौत ने
बानो के दिल को ख़ाना-ए-वीराँ बना दिया

ज़र्रे को शह ने महरे दरख़्शाँ बना दिया
हुर की ख़ताए बख़्श के सलमाँँ बना दिया

ज़र्रे को शह ने महरे दरख़्शाँ बना दिया

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Zarre ko Shah ne mahre darakshan bana diya
Hurr ki khataye baksh ke Salman bana diya

Quran ko samet ke nuqhte ki shakl may
Haq ne Ali ko marqaze iimaan bana diya

Zarre ko Shah ne mahre darakshan bana diya X 2

Hum to Ali ko ain-e-khuda keh ke rah gaye
Tauba nusairiyo ne to yazdan bana diya

Zarre ko Shah ne mahre darakshan bana diya X 2

Gham hai ye kaarnamaye daur-e-ameer-e-shaam
iimaan ko kufr, kufr ko iimaan bana diya

Zarre ko Shah ne mahre darakshan bana diya X 2

Kaafir bana diya Abu Talib se shakhs ko
Sufiyan se layeen ko musalmaa bana diya

Zarre ko Shah ne mahre darakshan bana diya X 2

Ghar ko luta ke maaniye zibhe azeem ne
Sufiyaniyat ko besaro saman bana diya

Zarre ko Shah ne mahre darakshan bana diya X 2

Pehchan har zamane shimr-o-yazeed ki
Kitna Hussainiyat ne hai aasaan bana diya

Zarre ko Shah ne mahre darakshan bana diya X 2

Shah ne lahoo se seench ke Islam ka shajar
Ujde huwe chaman ko gulistan bana diya

Zarre ko Shah ne mahre darakshan bana diya X 2

Asghar ki maut ne Ali Akbar ki maut ne
Baano ke dil ko khanaye veeraan bana diya

Zarre ko Shah ne mahre darakshan bana diya X 2

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